दिनांक 13 जून 2022 को देश में लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक और गहरा आघात हुआ, जब असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) के राष्ट्रीय चेयरमैन, माननीय डॉ. उदित राज जी को कांग्रेस कार्यालय पहुंचने से पहले ही सरकार द्वारा डर और असहिष्णुता के चलते गिरफ्तार कर लिया गया।
सरकार की घबराहट इस कदर थी कि उन्होंने डॉ. उदित राज जी के साथ अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी बिना किसी ठोस कारण के, बलपूर्वक हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक थी, जो यह दर्शाती है कि सत्ता में बैठे लोग देश की सच्ची आवाज़ और आम आदमी के हक़ की लड़ाई से किस कदर डरते हैं।
डॉ. उदित राज जी हमेशा से वंचितों, श्रमिकों, किसानों, युवाओं और गरीब तबके की आवाज़ को बुलंद करते आए हैं। उनकी लोकप्रियता और जनसमर्थन को देखते हुए सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए उन्हें शांतिपूर्वक विरोध करने से भी रोक दिया। यह लोकतंत्र के उस अधिकार का घोर उल्लंघन है, जो प्रत्येक नागरिक को संविधान द्वारा दिया गया है।
केकेसी इस प्रकार के दमनकारी रवैये की कड़ी निंदा करती है और स्पष्ट करती है कि डॉ. उदित राज जी की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। उनका संघर्ष देश के आम नागरिकों के अधिकार, सम्मान और न्याय के लिए है – और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक अंतिम व्यक्ति को उसका हक़ नहीं मिल जाता।