केकेसी महाराष्ट्र प्रदेश कार्यकर्ता बैठक

01 Mar, 2023

दिनांक 01 मार्च 2023 को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कार्यालय - तिलक भवन, मुंबई में असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) की महाराष्ट्र प्रदेश कार्यकर्ता बैठक सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। यह बैठक संगठन के सशक्तिकरण, विस्तार और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की आवाज को सशक्त राजनीतिक मंच पर उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुई।

बैठक की अध्यक्षता केकेसी के राष्ट्रीय चेयरमैन माननीय डॉ. उदित राज जी ने की। उन्होंने असंगठित मजदूरों के अधिकारों, सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम वेतन, श्रमिक पेंशन, और मनरेगा जैसी योजनाओं में हो रही कटौतियों पर चिंता जताई और केकेसी को जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की रणनीति प्रस्तुत की।

कार्यक्रम में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माननीय श्री नाना पटोले जी, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष श्री भाई जगताप जी, तथा केकेसी महाराष्ट्र प्रदेश चेयरमैन श्री सुनील शिंदे जी ने विशेष रूप से भाग लिया। इन सभी वरिष्ठ नेताओं ने असंगठित क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संगठित कर उन्हें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक अधिकार दिलाने के लिए समर्पित भाव से काम करने का आह्वान किया।

बैठक में प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से आए केकेसी के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और संगठक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा के प्रमुख बिंदु रहे:

असंगठित मजदूरों की पहचान और पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार

केंद्र सरकार की श्रमिक-विरोधी नीतियों का विरोध

राज्य स्तर पर श्रमिकों की सुरक्षा हेतु ठोस नीतियाँ बनवाने की रणनीति

केकेसी के सांगठनिक विस्तार और सदस्यता अभियान को तेज करना

मनरेगा, राशन, आवास, पेंशन जैसी योजनाओं में भ्रष्टाचार और कटौती के विरुद्ध जन आंदोलन

डॉ. उदित राज ने अपने प्रेरक भाषण में कहा:

"देश की रीढ़ कहे जाने वाले असंगठित कामगारों की आज न तो सरकार सुन रही है और न ही उन्हें संवैधानिक अधिकारों की गारंटी दी जा रही है। अब समय आ गया है कि केकेसी एक संघर्षशील संगठन से जनक्रांति का नेतृत्व करने वाली शक्ति बने।"

बैठक के अंत में यह संकल्प लिया गया कि केकेसी महाराष्ट्र प्रदेश आने वाले समय में हर जिले और तहसील स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन, सदस्यता अभियान और जनसंपर्क यात्राएँ आयोजित करेगी ताकि हर मेहनतकश की आवाज़ को बुलंद किया जा सके।

यह बैठक न केवल संगठनात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि यह यह संदेश देने में भी सफल रही कि केकेसी अब केवल श्रमिक संगठन नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और लोकतंत्र की नई आवाज़ है।