दिनांक 23 मार्च 2023 (बृहस्पतिवार) को नई दिल्ली के जन्तर-मन्तर पर असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) – दिल्ली प्रदेश द्वारा एक सशक्त और जन-जागरूकता से परिपूर्ण कार्यक्रम "पर्दाफाश धरना-प्रदर्शन" का आयोजन किया गया। यह धरना न केवल अडानी महाघोटाले के खिलाफ जन आक्रोश का प्रतीक था, बल्कि मोदी सरकार की जनविरोधी, पूंजीपरस्त और असंवेदनशील नीतियों के विरुद्ध एक सशक्त आवाज भी था।
धरना का मुख्य उद्देश्य था:
अडानी समूह से जुड़े महाघोटाले की न्यायिक जाँच के लिए JPC (संयुक्त संसदीय समिति) की माँग,
देश की संपत्तियों को औने-पौने दामों पर पूंजीपतियों को सौंपने के खिलाफ प्रतिरोध,
असंगठित कामगारों की उपेक्षा, बेरोजगारी, महंगाई, और सामाजिक सुरक्षा के अभाव को उजागर करना।
इस प्रदर्शन में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, केकेसी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, सभी जिला अध्यक्षों, और सैकड़ों की संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं, युवाओं, महिलाओं और असंगठित क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। पूरे कार्यक्रम के दौरान जन्तर-मन्तर लोकतांत्रिक ऊर्जा से गूंज उठा:
✊ "अडानी पर क्यों चुप है सरकार?"
🗣️ "JPC बनाओ, घोटाला उजागर करो!"
🔥 "मोदी-अडानी की मिलीभगत नहीं चलेगी!"
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा:
"आज देश की संपत्तियों को अडानी जैसे उद्योगपतियों को सौंपने का खेल चल रहा है, और सरकार जवाबदेही से भाग रही है। संसद में जब विपक्ष सवाल उठाता है, तो माइक बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन सड़क पर जनता की आवाज़ अब दबाई नहीं जा सकती।"
उन्होंने यह भी कहा कि देश के असंगठित मजदूर, जो भारत की आर्थिक रीढ़ हैं, आज पूरी तरह से उपेक्षित हैं। न उन्हें रोजगार की गारंटी है, न सामाजिक सुरक्षा। और जब वे आवाज़ उठाते हैं, तो उन्हें ‘विकास विरोधी’ कह कर चुप कराने की कोशिश की जाती है।
केकेसी दिल्ली प्रदेश ने इस मौके पर ऐलान किया कि यह सिर्फ एक धरना नहीं, बल्कि एक जनजागरण आंदोलन की शुरुआत है। आने वाले समय में प्रत्येक जिले, मोहल्ले और बस्ती में जाकर असंगठित कामगारों को संगठित किया जाएगा, और मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनमत तैयार किया जाएगा।
यह धरना प्रदर्शन एक स्पष्ट संदेश था —
🛑 "अब चुप नहीं बैठेंगे!"
🛑 "घोटालों पर परदा नहीं डालने देंगे!"
🛑 "लोकतंत्र और जन-हित की रक्षा के लिए केकेसी मैदान में डटी है!"