16 जुलाई 2025 को मुंबई में असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (KKC) के बैनर तले एक ऐतिहासिक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व मुंबई KKC की अध्यक्षा श्रीमती नीता महाडिक जी ने किया। यह आयोजन न केवल एक सम्मेलन था, बल्कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लाखों मज़दूरों की तकलीफों, संघर्षों और अधिकारों की सामूहिक अभिव्यक्ति बनकर उभरा।
इस मंच पर घरेलू कामगार, फेरीवाले, डिलीवरी पार्टनर्स, हॉस्पिटल के ठेका कर्मचारी, निर्माण मज़दूर, सफाई कर्मचारी और विभिन्न प्रकार के असंगठित श्रमिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में अपने शोषण, असुरक्षा, कम वेतन, अस्थायी रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की कमी जैसे मुद्दों को उठाया, और अपने हक़ की लड़ाई को और मज़बूती देने का संकल्प लिया।
सम्मेलन की मुख्य झलकियाँ:
प्रो. वर्षाताई गायकवाड जी का प्रेरणादायक मार्गदर्शन, जिन्होंने स्पष्ट कहा:
"असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों को यदि किसी ने मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है, तो वह कांग्रेस और केकेसी ही हैं।"
अनिल गणाचार्य जी ने सशक्त आवाज़ में कहा:
"सरकारें आती जाती रहेंगी, लेकिन हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक हर मज़दूर को न्याय और सम्मान नहीं मिल जाता।"
श्रीमती अजंता यादव जी ने जनहित के व्यापक दृष्टिकोण को रखते हुए कहा:
"श्रमिकों का कल्याण सिर्फ़ आर्थिक नहीं, सामाजिक और संवैधानिक अधिकार का भी मुद्दा है।"
सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे:
असंगठित श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन की कानूनी गारंटी
सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा (ESI, PF, बीमा) का कवरेज
ठेका प्रथा और जबरन छंटनी पर नियंत्रण
महिला घरेलू कामगारों के लिए विशेष सुरक्षा नीति
प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स (जैसे डिलीवरी पार्टनर्स) के लिए नियामक ढांचा
यह सम्मेलन इस बात का प्रमाण बन गया कि आज भी यदि कोई राजनीतिक संगठन है जो मज़दूरों की ज़मीन से जुड़ी समस्याओं को समझता है और उनके हक़ की आवाज़ बनकर खड़ा होता है — तो वह है भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस