महाराष्ट्र असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (KKC) के पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक

02 Mar, 2022

दिनांक 02 मार्च 2022 को महाराष्ट्र असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (KKC) के पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन मुंबई में किया गया। इस अवसर पर केकेसी के राष्ट्रीय चेयरमैन एवं पूर्व सांसद, माननीय डॉ. उदित राज जी का महाराष्ट्र इकाई द्वारा भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहम्मद बदरूजमा जी, उपाध्यक्ष श्री सुनील शिंदे जी सहित राज्य के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी, जिला प्रतिनिधि एवं सैकड़ों की संख्या में उत्साही कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
बैठक का उद्देश्य संगठन को मज़बूत करना, असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों तक कांग्रेस पार्टी की विचारधारा पहुँचाना, और 2024 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक तैयारियों को गति देना था।
डॉ. उदित राज का संबोधन:
डॉ. उदित राज ने अपने संबोधन में कहा:
"यह विभाग श्री राहुल गांधी जी की विशेष दृष्टि और संवेदना का परिणाम है। केकेसी का गठन केवल संगठन विस्तार के लिए नहीं, बल्कि असंगठित क्षेत्र के करोड़ों कामगारों की आवाज़ बनने के लिए किया गया है।"
उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि वे कांग्रेस सदस्यता अभियान को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाएँ और प्रत्येक मोहल्ले, बस्ती, फैक्ट्री, बाज़ार और निर्माण स्थल तक कांग्रेस का संदेश लेकर जाएँ। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव को "लोकतंत्र की रक्षा और मज़दूरों के भविष्य की लड़ाई" बताते हुए सभी कार्यकर्ताओं से पूर्ण समर्पण और अनुशासन के साथ जुट जाने का आह्वान किया।
डॉ. राज ने महाराष्ट्र केकेसी टीम द्वारा असंगठित कामगारों के हित में किए गए प्रयासों — जैसे श्रमिकों की जनसुनवाई, हेल्प डेस्क की स्थापना, रजिस्ट्रेशन ड्राइव, और ज़मीनी आंदोलनों — की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की यह टीम केकेसी के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरी है।
बैठक की प्रमुख बातें:
• राज्यभर से आए प्रतिनिधियों ने अपने जिलों की रिपोर्ट प्रस्तुत की
• सदस्यता अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई
• असंगठित कामगारों की प्रमुख समस्याओं जैसे न्यूनतम वेतन, ईएसआई, पीएफ, और रोजगार सुरक्षा पर चर्चा
• महिला कामगारों की भागीदारी बढ़ाने और उनके मुद्दों पर केंद्रित विशेष सत्र का प्रस्ताव
• आगामी महीनों में जिला स्तर पर सम्मेलन, प्रशिक्षण शिविर, और जनजागरण अभियान आयोजित करने का निर्णय
इस ऐतिहासिक बैठक ने यह साबित कर दिया कि केकेसी न केवल संगठनात्मक रूप से सक्रिय है, बल्कि असंगठित श्रमिकों के अधिकारों की लड़ाई में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। महाराष्ट्र KKC की यह प्रतिबद्धता आने वाले दिनों में निश्चित ही राष्ट्रीय स्तर पर एक मज़बूत उदाहरण प्रस्तुत करेगी।