दिनांक 09 जनवरी 2022 को हरिद्वार (उत्तराखंड) में असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता केकेसी के राष्ट्रीय चेयरमैन, पूर्व सांसद डॉ. उदित राज जी ने की। यह आयोजन श्रमिक हितों, संगठनात्मक विस्तार और मज़दूर अधिकारों की दिशा में एक सशक्त पहल के रूप में सामने आया।
इस गरिमामयी बैठक में INTUC के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष श्री संजय गाबा जी, भेल मज़दूर यूनियन के महामंत्री श्री राजबीर चौहान जी, सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, ट्रेड यूनियन पदाधिकारी और असंगठित क्षेत्र से जुड़े कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
🔹 बैठक के प्रमुख उद्देश्य और चर्चा बिंदु:
• असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे श्रमिकों की आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा संबंधी समस्याओं पर गंभीर चर्चा
• उत्तराखंड में केकेसी की संगठनात्मक संरचना को मज़बूती देने और ज़िला स्तर पर विस्तार की रणनीति
• भेल जैसे बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों से बेहतर संवाद और यूनियनों के साथ समन्वय स्थापित करने पर बल
• मजदूर हितों से जुड़ी नीतिगत कमज़ोरियों और सरकार की अनदेखी पर चिंता व्यक्त की गई
• कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के अनुरूप श्रमिकों को राजनीतिक चेतना और अधिकारों के प्रति जागरूक करने का आह्वान
🔹 डॉ. उदित राज जी ने अपने संबोधन में कहा:
"उत्तराखंड जैसे श्रमिक प्रधान राज्य में असंगठित मजदूरों की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केकेसी का उद्देश्य है कि हम गांव-गांव और फैक्ट्री-फैक्ट्री तक जाएँ और हर श्रमिक को यह भरोसा दिलाएँ कि उनकी लड़ाई अब एक संगठित मंच से लड़ी जाएगी।"
श्री संजय गाबा जी ने युवा मजदूरों को संगठन से जोड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा:
"INTUC और केकेसी जैसे संगठनों को मिलकर एक ऐसी ताक़त बनानी है, जो सरकारों को मजदूर विरोधी नीतियाँ वापस लेने पर मजबूर कर सके।”
श्री राजबीर चौहान जी ने भेल श्रमिकों की समस्याओं को सामने रखते हुए संगठनों के संयुक्त संघर्ष की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
यह बैठक न केवल श्रमिक अधिकारों के लिए सामूहिक आवाज़ बनने का उदाहरण रही, बल्कि यह उत्तराखंड में केकेसी के नए युग की शुरुआत के रूप में भी देखी जा रही है।
डॉ. उदित राज जी के नेतृत्व में केकेसी अब एक आंदोलन के रूप में उभर रहा है — जो श्रमिकों को अधिकार, सम्मान और न्याय दिलाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।